आरक्षण-वारक्षण की लड़ाई लड़ते रहिए । भेदभाव और सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ना है तो मध्यप्रदेश में आइये । चाइल्ड राइट ऑब्जर्वेटरी और मध्यप्रदेश दलित अभियान संघ के सर्वे में प्रदेश का शर्मनाक और दुखद चेहरा सामने है। मध्यप्रदेश के स्कूलों में 92% दलित छात्र खुद पानी नहीं पी सकते, क्योंकि स्कूल में दलित छात्रों को हेन्डपम्प, मटके, टंकी छूने की मनाही होती है। अक्सर कोई सामान्य वर्ग का छात्र उन्हें ऊपर से पानी पिलाता है। यह सुविधा भी 57 फीसदी दलित छात्रों को हासिल हो पाती है। 79% दलित छात्रों का कहना है कि उन्हें हमेशा ही पीछे बैठना होता है। केवल 14% छात्र कभी कभार बीच में बैठ पाते हैं। 82% छात्रों ने बताया कि उन्हें खाने के लिये अलग बैठाया जाता है। मध्यप्रदेश में छुआछूत और भेदभाव के 70 प्रकार मौजूद हैं । 80% गाँवों में दलितों को मंदिर में प्रवेश पर मनाही है। आरक्षण के अलावा भेदभाव के खिलाफ सामाजिक न्याय की लड़ाई कब लड़ोगे मित्र-?
आरक्षण के अलावा भेदभाव के खिलाफ सामाजिक न्याय की लड़ाई कब लड़ोगे मित्र-?
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Brajendra
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